Wednesday, July 17, 2013

यदि आप सफलता चाहते हैं तो आपको कष्टों को अपनाना ही होगा

यदि आप सफलता चाहते हैं तो आपको कष्टों को अपनाना ही होगा। स्मरण रखें कि प्रत्येक सफल व्यक्ति की एक कष्टमय कहानी होती है और प्रत्येक कष्टमय कहानी का एक सफल अंत होता है।
जीवन में सफलता पाने के लिये आशावादी बनना तथा चिंता को त्यागना अत्यावश्यक है। यदि आप सोचते हैं कि किसी समस्या को हल किया जा सकता है तो चिंता करने की क्या आवश्यकता है और यदि आप सोचते हैं कि किसी समस्या को हल नहीं किया जा सकता तो चिंता करने से फायदा ही क्या है?
  • यदि सफलता ही आपका उद्देश्य है तो कभी भी पीछे जा कर खराब शुरुवात को बदलने का प्रयास न करें बल्कि इसी क्षण से एक नई शुरुवात कर दें।
  • स्वयं की गलतियों को पहचानने वाला व्यक्ति अवश्य ही सफलता प्राप्त करता है। दूसरों की गलती निकालना बहुत सरल है किन्तु स्वयं की गलती को स्वीकार करना अत्यन्त मुश्किल काम है।
  • गलतियाँ ही अनुभव का आधार है। यद्यपि गलती कष्ट देती है किन्तु स्वयं के द्वारा की गई अनेकों गलतियों का संग्रह ही अनुभव है।
  • दूसरों की शिकायत करने वाला व्यक्ति हमेशा अशांत रहता है और कभी भी सफल नहीं हो पाता। सफलता और शांति पाने के लिये बेहतर है कि स्वयं को बदलें।
  • अश्रु कायर बहाते हैं। अतः साहसी बनें और किसी अवसर के खो जाने पर कभी भी आँसू न बहायें।
  • जीवन में परिवर्तन एक प्राकृतिक नियम है। अतः परिवर्तन को स्वीकारें। परिवर्तन को स्वीकारने पर अन्य सभी बातें अपने आप ही परिवर्तित हो जायेंगी।
  • दुःखी होने वाले व्यक्ति की जग हँसाई होती है और प्रत्येक परिस्थिति में प्रसन्न रहने वाले को प्रसंशा मिलती है। दूसरों को प्रसन्न रखने वाले को जीवन सलाम करती 

Saturday, April 13, 2013

मनुष्य को सदा अपनी पिछली पराजय को याद करना चाहिये – चाणक्य नीति

आचार्य सदा कहते थे कि हमारी सबसे बड़ा गुरू हमारी पिचली पराजय होती है । हम अपनी हार को याद कर बेहतर रणनीति का चयन कर सकते हैँ । अत: अपनी पराजय से हताश होने के बजाए उसे अपना प्रेरणा सत्रोत्र बनाना चाहिए ॥

Monday, January 14, 2013

शेरो से आँख मिला बैठे

कुत्तो की हिम्मत कैसे हुई, शेरो से आँख मिला बैठे या तो कुत्तो में ताकत आई, या शेर बुजदिल बन बैठे...?? गीदड़ ने आखिर कैसे, शेरो का रस्ता मोड़ दिया क्या गीदड़ में है दम या शेरो ने शिकार करना छोड़ दिया...??? शायद अब शेरनियो ने शेरो को जनना छोड़ दिया या खून शेरो का पानी है, तभी तो लड़ना छोड़ दिया, कुत्ते करेंगे राज अब, और शेर मांद में सोयेगा बैठ कही किसी कोने में फिर, किस्मत को अपनी रोयेगा थुकेगी दुनिया गर शेर होकर, तुम कुत्तो से डर जाओगे फट जायेगा कलेजा कुत्तो का, जो एक बार गुर्राओगे.....!!!

Friday, January 11, 2013

पहाड़ों को हिला देने में सक्षम परमवीरों - योद्धाओं का राष्ट्र।

किन्तु कमजोर सरकार। हमारी सरकार, चाहे किसी पार्टी-नेता की हो, पाक में खौफ पैदा कर सके यह असंभव ही है। किन्तु करना ही होगा। अटल बिहारी वाजपेयी से मनमोहन सिंह तक ने ऐसा कुछ नहीं किया। इसीलिए तो मुंबई 26/11 हुआ। इसीलिए मेंढर में सिर काट दिया। इसीलिए तो माओवादी हमारे जिस्म में बम रखने लगे। नो मैन्स लैंड! वास्तव में। नियंत्रण रेखा पर भी ‘नो मैन्स लैंड’ होता है। जवान के जिस्म में बम रखने का दृश्य भी जिस मशहूर हॉलीवुड फिल्म से हैं- उसका नाम भी ‘नो मैन्स लैंड’। और नेतृत्व के अभाव का अहसास भी तो हमें ‘नो मैन्स लैंड’ बना देता है।